मैं जो सबका दिल रखता हूँ,
मैं भी तो इक दिल रखता हूँ!
.
हां दिल कितना भी तन्हा हो
चेहरे पर महफिल रखता हूँ!
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चेहरा जितना सुलझा दिखता है
दिल में उतनी मुश्किल रखता हूँ!
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डूब न जाऊं हिज्र के दरिया में
यादों का अपना साहिल रखता हूँ!
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उठना-गिरना, गिरकर उठना
यूँ इरादे मुस्तकिल रखता हूँ!
___________________
- शब्दभेदी
मैं भी तो इक दिल रखता हूँ!
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हां दिल कितना भी तन्हा हो
चेहरे पर महफिल रखता हूँ!
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चेहरा जितना सुलझा दिखता है
दिल में उतनी मुश्किल रखता हूँ!
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डूब न जाऊं हिज्र के दरिया में
यादों का अपना साहिल रखता हूँ!
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उठना-गिरना, गिरकर उठना
यूँ इरादे मुस्तकिल रखता हूँ!
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- शब्दभेदी
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