यदि एक रचनाकार को
हो जाता है आपसे प्रेम
तो वो आपको कभी
मरने नहीं देगा।
अमर, सिर्फ आप को ही नहीं
आपसे जुडी हर बात को कर देगा
उन्हें भी जो मर चुकी होंगी
आपके ही जेहन में शायद!
सजोंकर अपनी स्मृतियों में
रखता है आजीवन उन्हें
और विदा लेने से पहले
देता है इन्हें मूर्त रूप।
किसी भी विधा का रचनाकार
संसार छोड़ता है,
अपने प्रेम को
अमरत्व की घुट्टी पिलाकर!
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: शब्दभेदी
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